परदे के पीछे / जयप्रकाश चौकसे / जनवरी 2021
Gadya Kosh से
जनवरी 2021 के लेख
- उद्गम रीवा से बही कृष्णा ‘नदी’ / जयप्रकाश चौकसे
- कलाकार नायडू की लीला में रिनायर / जयप्रकाश चौकसे
- ‘पूस की रात’ होरी पर लाठीचार्ज? / जयप्रकाश चौकसे
- दिल के मंदिर में हैं कुछ भूली बिसरी यादें / जयप्रकाश चौकसे
- अधूरी कविता सा स्मिता पाटिल का जीवन / जयप्रकाश चौकसे
- झूठ बोले कौवा काटे, काले कौवे से डरियो / जयप्रकाश चौकसे
- ट्रैक्टर के सामने रोड रोलर‘ हमसे ना जीता कोई’ / जयप्रकाश चौकसे
- ‘कहां-कहां से गुजर गया’ कलाकार की अभिनय यात्रा / जयप्रकाश चौकसे
- टूटती हुई व्यवस्थाएं,दरकती दीवारें / जयप्रकाश चौकसे
- टूटे हुए खिलौनों काश्रृंगार किसलिए / जयप्रकाश चौकसे
- फिल्म निर्देशकों की अभिनय प्रतिभा / जयप्रकाश चौकसे
- गोरे, काले धूसर रंग के प्राणी रंगभेद आज भी है कायम / जयप्रकाश चौकसे
- किसान आंदोलन कवियों की आत्मा का ताप / जयप्रकाश चौकसे
- पिता-पुत्र भूमिकाओं में कपूर समीकरण / जयप्रकाश चौकसे
- जानवर आदमी से ज्यादा वफ़ादार है / जयप्रकाश चौकसे
- कामिनी कौशल: अभी तो मैं जवान हूं / जयप्रकाश चौकसे
- हल और कलम की जुगलबंदी / जयप्रकाश चौकसे
- सुभाष कपूर, ऋचा चड्ढा ‘मैडम चीफ मिनिस्टर’ / जयप्रकाश चौकसे
- ग्राम आक्या का पेड़ बचाओ आंदोलन / जयप्रकाश चौकसे
- स्थिर चित्र बोलते गाते और रोते हैं / जयप्रकाश चौकसे
- रिवाज़ों की गुफा में ढाई आखर प्रेम का / जयप्रकाश चौकसे
- लघुतम भूमिकाओं के गहरे प्रभाव / जयप्रकाश चौकसे
- महिला - पुरुष समानता का आदर्श / जयप्रकाश चौकसे
- दलाल स्ट्रीट में जो बाइडेन का प्रभाव / जयप्रकाश चौकसे
- सोचो क्या पाया हमनेआखिर इंसा होकर / जयप्रकाश चौकसे
- ओ माए मेरा ‘रंग दे बसंती’ चोला / जयप्रकाश चौकसे
- अवचेतन को प्रभावित करते टेलीविजन सीरियल / जयप्रकाश चौकसे
- बोनी कपूर विरुद्ध राजामौली ‘मैदान’ में / जयप्रकाश चौकसे
- अंधे जहां के अंधे रास्ते,जाएं तो जाएं कहां / जयप्रकाश चौकसे
- दु:ख के तारे, दु:ख का तारामंडल / जयप्रकाश चौकसे