परदे के पीछे / जयप्रकाश चौकसे / अप्रैल 2013
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अप्रैल 2013 के लेख
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- सिनेमा, क्रिकेट तमाशा और पलायनवाद / जयप्रकाश चौकसे
- चश्मे बद्दूर बनाम चश्मे बद्दूर / जयप्रकाश चौकसे
- करण और एकता : एक दूजे के लिए / जयप्रकाश चौकसे
- ध्वस्त तोप में चिड़िया का घोंसला / जयप्रकाश चौकसे
- मस्तराम अदालत में हाजिर हो / जयप्रकाश चौकसे
- द ग्रेट इंडियन राजनीतिक तमाशा / जयप्रकाश चौकसे
- रूथ प्रवर झाबवाला को सलाम / जयप्रकाश चौकसे
- अंधकार का सिनेमा और कविता की उजास / जयप्रकाश चौकसे
- लता मंगेशकर और हिन्दी विश्वविद्यालय / जयप्रकाश चौकसे
- दोस्त दोस्त ना रहा... / जयप्रकाश चौकसे
- जीवन की सांप सीढ़ी का भ्रम / जयप्रकाश चौकसे
- प्राण सिकंद : क्रूरता और दया / जयप्रकाश चौकसे
- सिनेमा के सदाबहार टोटके / जयप्रकाश चौकसे
- आई फॉर इंडिया का अर्थ / जयप्रकाश चौकसे
- जीवन के किचन के पकवान / जयप्रकाश चौकसे
- कैसी-कैसी पाठशालाएं / जयप्रकाश चौकसे
- एक सुनियोजित प्रचार और राजनितिक संकेत / जयप्रकाश चौकसे
- गब्बर सिंह कभी मरता नहीं / जयप्रकाश चौकसे
- सौ साल की सड़क और मील के पत्थर / जयप्रकाश चौकसे
- दीवानी जवानी के दो खिलदंड / जयप्रकाश चौकसे
- गोविंदा की वापसी / जयप्रकाश चौकसे
- उम्र की ढलान पर यादों का सहारा / जयप्रकाश चौकसे
- हिंदुस्तानी मुर्गी अंग्रेजी जानती है !/ जयप्रकाश चौकसे
- मनोरंजन की चौसर पर कौडिय़ों का खेल / जयप्रकाश चौकसे
- क्या महेश भट्ट आत्मकथा लिखेंगे ? / जयप्रकाश चौकसे