परदे के पीछे / जयप्रकाश चौकसे / अप्रैल 2017
Gadya Kosh से
					
										
					
					अप्रैल 2017 के लेख
- 'अनारकली हम तुझे जीने नहीं देंगे' / जयप्रकाश चौकसे
 - नाम शबाना नहीं, तापसी पन्नू है / जयप्रकाश चौकसे
 - ये बकमाल बेमिसाल औरतें! / जयप्रकाश चौकसे
 - प्रेम की जासूसी और जासूसी का प्रेम / जयप्रकाश चौकसे
 - शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर : विरासत का पहरेदार / जयप्रकाश चौकसे
 - यादगार दावत में मेजबान और मेहमान / जयप्रकाश चौकसे
 - जितेन्द्र : वानप्रस्थ नहीं मस्ती-युग / जयप्रकाश चौकसे
 - भारत : थीमपार्क की तरह संरचना / जयप्रकाश चौकसे
 - एक सिनेमाघर की मौत पर शौक / जयप्रकाश चौकसे
 - महिलाएं फिल्म निर्माण में सक्रिय / जयप्रकाश चौकसे
 - सितारा किला और सचिव सुरंग / जयप्रकाश चौकसे
 - महेश भट्ट बायोपिक की जरूरत है / जयप्रकाश चौकसे
 - एक इंसानी दस्तावेजनुमा फिल्म / जयप्रकाश चौकसे
 - किशोर साहू की आत्मकथा के प्रकाशन का महत्व / जयप्रकाश चौकसे
 - 'पानी केरा बुदबुदा अस मानुष की जात' / जयप्रकाश चौकसे
 - स्विट्जरलैंड में चैपलिन का जन्म दिवस / जयप्रकाश चौकसे
 - नंदिता दास: 'फिराक' से 'मंटो' तक / जयप्रकाश चौकसे
 - रानी मुखर्जी चोपड़ा बनाम काजोल / जयप्रकाश चौकसे
 - संतानों की सांसों में जीवित पिता / जयप्रकाश चौकसे
 - अपराधी भूमिकाओं का आकर्षण / जयप्रकाश चौकसे
 - कंगना की पगडंडी, करण का राजपथ / जयप्रकाश चौकसे
 - मनोरंजन क्षेत्र के घमासान / जयप्रकाश चौकसे
 - इम्तियाज़ अली और रणबीर कपूर की जुगलबंदी / जयप्रकाश चौकसे
 - जंगल में जैसे बांसुरी पड़ी हो / जयप्रकाश चौकसे
 - क्या नाम ही एकमात्र पहचान है? / जयप्रकाश चौकसे
 
	
	