परदे के पीछे / जयप्रकाश चौकसे / अप्रैल 2019
Gadya Kosh से
अप्रैल 2019 के लेख
- मूर्खता दिवस पर कुछ विचार / जयप्रकाश चौकसे
- उर्मिला मातोंडकर का शुभागमन / जयप्रकाश चौकसे
- आउटडोर में इनडोर अंतरंगता? / जयप्रकाश चौकसे
- अंतरिक्ष में तारों को मतदान का अधिकार / जयप्रकाश चौकसे
- जंगल-जानवर फिल्मों में मनुष्य / जयप्रकाश चौकसे
- मर्लिन मुनरोः गर मरकर भी चैन न हो नसीब में? / जयप्रकाश चौकसे
- सेंसरशिप अंधा कानून है / जयप्रकाश चौकसे
- सपनों में बनता देश और स्वप्न भंग / जयप्रकाश चौकसे
- 'खइके पान' अब रणवीर सिंह के नाम / जयप्रकाश चौकसे
- गायिका जाहिरा एलहाम की फतह / जयप्रकाश चौकसे
- देखी जमाने की यारी बिछड़े सभी बारी-बारी / जयप्रकाश चौकसे
- रंगों की भाषा की बौराई ग्रामर / जयप्रकाश चौकसे
- मिथ के अंधाधुंध में तर्क अनदेखा / जयप्रकाश चौकसे
- अक्षय खन्ना: सादगी और स्वाभाविकता का जीवन / जयप्रकाश चौकसे
- 'पंद्रह अगस्त' सार्थक सानंद फिल्म / जयप्रकाश चौकसे
- सावन ही आग लगाए तो कौन बुझाए / जयप्रकाश चौकसे
- क्या तलाश है कुछ पता नहीं / जयप्रकाश चौकसे
- क्या कंगना रनोट मेंटल हैं? / जयप्रकाश चौकसे
- हमारी फिल्मों और सामूहिक अवचेतन में तंत्र-मंत्र / जयप्रकाश चौकसे
- श्रीलंका में धमाके और 'मद्रास कैफे' / जयप्रकाश चौकसे
- सिने कैमरा और मनुष्य का मस्तिष्क / जयप्रकाश चौकसे
- बाबा आजमी की निर्माणाधीन फिल्म / जयप्रकाश चौकसे
- असफल फिल्मी बम के आणविक विकिरण / जयप्रकाश चौकसे
- एवेंजर्स, टारजन, किंग कॉन्ग और बाहुबली / जयप्रकाश चौकसे
- महिला केंद्रित फिल्मों की सफलता / जयप्रकाश चौकसे
- बोनी-श्रीदेवी पुत्री खुशी का शुभारंभ / जयप्रकाश चौकसे