परदे के पीछे / जयप्रकाश चौकसे / नवम्बर 2019
Gadya Kosh से
नवम्बर 2019 के लेख
- शराबी दौर में गुलाबी गेंद / जयप्रकाश चौकसे
- क्या अचानक, सचमुच अनसोचा है? / जयप्रकाश चौकसे
- ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है..! / जयप्रकाश चौकसे
- इक दिन बिक जाएगा माटी के मोल - 2 / जयप्रकाश चौकसे
- मर कर भी किसी के आंसुओं में मुस्कुराएंगे / जयप्रकाश चौकसे
- बाएं से सीधे पर प्रहार- मॉक आधुनिकता / जयप्रकाश चौकसे
- मृत्यु ड्रेस रिहर्सल व्यवसाय! / जयप्रकाश चौकसे
- किताबें देखी जाती हैं, फिल्में पढ़ी जाती हैं / जयप्रकाश चौकसे
- मजदूर संगठन पर फिल्में / जयप्रकाश चौकसे
- रवींद्रनाथ टैगोर : एकला चलो रे / जयप्रकाश चौकसे
- अछूत कन्या से सद्गति तक यात्रा / जयप्रकाश चौकसे
- मधुबाला: एक शाश्वत लैला जिसके हजारों मजनूं / जयप्रकाश चौकसे
- बारात में नागिन डांस और ट्रैफिक जाम / जयप्रकाश चौकसे
- पंकज कपूर : संध्या और 'दोपहरी' / जयप्रकाश चौकसे
- झांसी वाली नहीं परंतु 'मर्दानी' है यह रानी / जयप्रकाश चौकसे
- चार्ली चैपलिन धारा के राजकुमार हिरानी / जयप्रकाश चौकसे
- अमोल पालेकर, डेनमार्क और हैमलेट / जयप्रकाश चौकसे
- मैदान: फुटबॉल प्रेरित फिल्म / जयप्रकाश चौकसे
- रजनीकांत-कमल हासन की जुगलबंदी / जयप्रकाश चौकसे
- प्रशंसक और सितारे की नज़दीकियां / जयप्रकाश चौकसे
- जानकी कुटीर की शौकत शकुंतला / जयप्रकाश चौकसे
- अपराजित कंगना रनोट की 'अयोध्या' / जयप्रकाश चौकसे
- इतिहास प्रेरित काल्पनिक फिल्में / जयप्रकाश चौकसे
- फिल्म वालों के बंगले और फ्लैट / जयप्रकाश चौकसे
- 'फ्रोजन-टू' की सफलता और सामाजिक संकेत / जयप्रकाश चौकसे
- दूध का दूध पानी का पानी / जयप्रकाश चौकसे