कल्पतरु / सुशोभित
सुशोभित
रुचिकर गद्य की पोथी
इस पुस्तक में कोमल, सजल और आत्मीय गद्य है। अपनी प्रकृति में यह मेरी पूर्व में आई पुस्तक 'सुनो बकुल' के निकट है। किंतु बकुल में जहाँ देश था, वहीं इसमें देश के साथ ही देशान्तर भी है। इतने स्वर हैं कि एक नन्हा-सा विश्वकोश कह लीजिये। ललित लेख और रम्य रचना, वृत्तान्त और स्फुट-चेष्टा, आत्मकथ्य और वस्तुनिष्ठ पर्यवेक्षण- यानी अंत:प्रक्रियाओं के नानारूपों में नित्य-गति है इसकी। कल्पतरु शीर्षक इसलिए कि जैसे कल्पवृक्ष से जो मांगो मिलता है, इस पुस्तक में भी वो महत्तम वरदान हैं जो भाषा में मुझसे अपने सुधी पाठकों के लिए सम्भव हो सकते थे। कह लीजिये कि इस पुस्तक में वृत्तान्तकार एक वृक्ष बन गया है! जो मित्र अच्छा, सुरुचिपूर्ण, परिष्कृत गद्य पढ़ना पसंद करते हैं, उनके लिए तो यह उत्सव है, उपहार है। अपने साधु-स्वभाव, परिनिष्ठित शिल्प और सुंदर रूप के कारण यह पुस्तक मुझको प्रियकर हो चली है और विश्वास है कि मेरी समस्त कृतियों में- कालान्तर में- इस कल्पवृक्ष को एक विशिष्ट स्थान मिलेगा।
शुभमस्तु।
अनुक्रम
- सागौन का पत्ता / कल्पतरु / सुशोभित
- एक मरी तितली / कल्पतरु / सुशोभित
- अंत:करण / कल्पतरु / सुशोभित
- एक दिन और / कल्पतरु / सुशोभित
- गर्मियों के दिन / कल्पतरु / सुशोभित
- भोर का पाखी / कल्पतरु / सुशोभित
- तूरीन का घोड़ा / कल्पतरु / सुशोभित
- अंतिम वाक्य / कल्पतरु / सुशोभित
- दुलहिन का गीत / कल्पतरु / सुशोभित
- विहँसते फूलों ने कहा / कल्पतरु / सुशोभित
- आमार होबे ना / कल्पतरु / सुशोभित
- अपुर संसार / कल्पतरु / सुशोभित
- मेपल का पत्ता / कल्पतरु / सुशोभित
- रिल्के का एकान्त / कल्पतरु / सुशोभित
- क्लैरिनेट के लिए घर / कल्पतरु / सुशोभित
- ओज़ू की फ़िल्में / कल्पतरु / सुशोभित
- टाइटस एज़ अ मोन्क / कल्पतरु / सुशोभित
- हैपी वॉटर्स / कल्पतरु / सुशोभित
- नीली छतें / कल्पतरु / सुशोभित
- ओर्फ़ीयस की विदा / कल्पतरु / सुशोभित
- कस्तुनतुनिया से तोहफ़ा / कल्पतरु / सुशोभित
- मृत्यु का मुखौटा / कल्पतरु / सुशोभित
- झूठा अलार्म / कल्पतरु / सुशोभित
- आत्महत्या से पहले / कल्पतरु / सुशोभित
- परित्यक्तों की पृथ्वी / कल्पतरु / सुशोभित
- कुर्ता / कल्पतरु / सुशोभित
- वस्त्रों का निर्वासन / कल्पतरु / सुशोभित
- जूठे बरतन / कल्पतरु / सुशोभित
- कितने जोड़ी पैर / कल्पतरु / सुशोभित
- मां के प्रेम पत्र / कल्पतरु / सुशोभित
- पिता की कविताएं / कल्पतरु / सुशोभित
- हंस अकेला / कल्पतरु / सुशोभित
- स्वर्णनगरी / कल्पतरु / सुशोभित
- ज्वर हुआ / कल्पतरु / सुशोभित
- स्नान / कल्पतरु / सुशोभित
- हृषिकेश मुखर्जी की फ़िल्में / कल्पतरु / सुशोभित
- लगभग सुखमय / कल्पतरु / सुशोभित
- अरूपसुन्दर / कल्पतरु / सुशोभित
- शीशे / कल्पतरु / सुशोभित
- अस्थियों का मुकुट / कल्पतरु / सुशोभित
- आओ, काढ़ दूं तुम्हारे बाल / कल्पतरु / सुशोभित
- घर जाना / कल्पतरु / सुशोभित
- घर में अकेले / कल्पतरु / सुशोभित
- घर से बाहर घर / कल्पतरु / सुशोभित
- कमरा जमाना / कल्पतरु / सुशोभित
- एकान्त / कल्पतरु / सुशोभित
- गहरे दु:ख का गान / कल्पतरु / सुशोभित
- गाना आना चाहिए / कल्पतरु / सुशोभित
- किसी एक गीत की मोहिनी / कल्पतरु / सुशोभित
- समुद्र में सितार / कल्पतरु / सुशोभित
- धुन / कल्पतरु / सुशोभित
- हज़ार कंठ का एक कोरस / कल्पतरु / सुशोभित
- दु:ख के दिनों में भाषा / कल्पतरु / सुशोभित
- दु:ख के भीतर घर / कल्पतरु / सुशोभित
- दु:ख मनाने की पात्रता / कल्पतरु / सुशोभित
- जिसने दु:ख भोगा / कल्पतरु / सुशोभित
- दु:ख की व्याख्या / कल्पतरु / सुशोभित
- दु:ख और विपदा / कल्पतरु / सुशोभित
- इतनी सारी मृत्यु / कल्पतरु / सुशोभित
- आत्मा का रोग / कल्पतरु / सुशोभित
- सृष्टि का शोक / कल्पतरु / सुशोभित
- मृत्यु और कामना / कल्पतरु / सुशोभित
- प्रेम का निकष / कल्पतरु / सुशोभित
- सगाई की मेहंदी/ कल्पतरु / सुशोभित
- मोह / कल्पतरु / सुशोभित
- नाम जितना सुंदर / कल्पतरु / सुशोभित
- तुम्हें स्कूल छोड़कर आना / कल्पतरु / सुशोभित
- जल्दबाज़ सुबहें / कल्पतरु / सुशोभित
- संतरे का छायाचित्र / कल्पतरु / सुशोभित
- पीताम्बरा / कल्पतरु / सुशोभित
- समुद्रतट पर सेब / कल्पतरु / सुशोभित
- ठहर जाना / कल्पतरु / सुशोभित
- पैदल चलना / कल्पतरु / सुशोभित
- चुप्पे लोग / कल्पतरु / सुशोभित
- ईयरप्लग / कल्पतरु / सुशोभित
- टेसू के फूल / कल्पतरु / सुशोभित
- नवम्बर / कल्पतरु / सुशोभित
- विलम्बित / कल्पतरु / सुशोभित
- सभागार / कल्पतरु / सुशोभित
- निकृष्ट में प्रतिभा / कल्पतरु / सुशोभित
- सार्वभौम / कल्पतरु / सुशोभित
- एक ऐसी भाषा / कल्पतरु / सुशोभित
- वाक्यों से भरी वसुन्धरा / कल्पतरु / सुशोभित
- भाषा, वृत्ति और अंत:करण / कल्पतरु / सुशोभित
- प्राणवन्त और निस्तेज शब्द / कल्पतरु / सुशोभित
- सान्ध्यभाषा / कल्पतरु / सुशोभित
- हस्तलेख / कल्पतरु / सुशोभित
- चिटि्ठयां / कल्पतरु / सुशोभित
- नहीं लिखना / कल्पतरु / सुशोभित
- हाथ / कल्पतरु / सुशोभित
- मन की गतियां / कल्पतरु / सुशोभित
- मन में रखना / कल्पतरु / सुशोभित
- मन में प्रतिमा / कल्पतरु / सुशोभित
- ठीक-बेठीक / कल्पतरु / सुशोभित
- नींद ही इच्छाएं / कल्पतरु / सुशोभित
- ज़रूरी चीज़ें / कल्पतरु / सुशोभित
- मित्र का शत्रु / कल्पतरु / सुशोभित
- व्याप जाना / कल्पतरु / सुशोभित
- मृत्यु की अनुभूति / कल्पतरु / सुशोभित
- जरा-मरण / कल्पतरु / सुशोभित
- जीवेषणा का चित्र / कल्पतरु / सुशोभित
- मैं जागा तो देखा / कल्पतरु / सुशोभित
- बजती रहें दूरभाष की घंटियां / कल्पतरु / सुशोभित
- खो जाना / कल्पतरु / सुशोभित